राधा गोरी का भजन शब्द

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आपल्या गजलेत शब्द प्रसिद्ध आहेत . राधा गोरी भक्त विश्वस्त गुरुंच्या {मधून उद्भवले ।।

भजनोंचे रूपक सदांनंतर महत्त्वाचा आहे .

बिरज की छोरी से राधिका गोरी

एक बार था एक गाँव में जहाँ एक लड़का अपना समय व्यतीत करता था. उसका उसका नाम बिरज था. बिरज की छोरी भी बहुत ही प्यारी थी. उसका उसका परिचय राधिका था. एक दिन राधिका अपने गाँव से बाहर चली गई. वह दूसरे जगह जाना चाहती रही थी.

{उसकीयहाँ थी यात्रा बहुत ही मनोरंजक रही थी. राधिका ने बहुत सेकुछ नया और नए दोस्त बनाए.

राधा गोरी गीत

यह अद्भुत भजन है जो प्रेम और भक्ति का ज्ञान है। यह भक्तों को आकर्षित करता है और उनका मन मोह लेता है।

इस भजन राधिका गोरी से बिरज की छोरी से भजन लिरिक्स बहुत ही प्यारे हैं और उनके शब्द मन को छूते हैं ।

“राधा गोरी से विराज की बेटी से” के पंक्तियाँ

यह शब्द सुन्दरता का अनमोल रूपक हैं। यहाँका सार भावनाओं का एक गहरा सागर है।

राधिका गोरी: प्रेम और भक्ति का गीत

यह गीत एक प्राचीन जमाना का है, जो विश्वभारतहिंदुस्तान में पसंद किया जाता है. यह गाथा प्रेम की है, जो अमरनिर्जीवभावनाओं से परे है.

यह संगीतकारों ने बनाया था और इसे जनता द्वारा गाया जाता है.

राधिका गोरी : बिरज की छोरी से भजन शब्द

राधिका गोरी एक प्रसिद्ध भगवती हैं जिनका मंदिर हर जगहों पर है। वो श्रद्धा का प्रतीक हैं और उनके भजनों को सुनकर लोग शांति पाते हैं। उनका परिचय बहुत पुराना है और वो आज भी लोगों के दिल में विशेष स्थान रखती हैं।

इनके भजनों में बहुत सारे तत्व मिले होते हैं जो लोगो को आकर्षित करते हैं। वो गुनगुनाना आसान है और हर उम्र के बच्चों द्वारा स्वीकार किया जाता है ।

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